00 जहांआरा के स्वरोजगार की शुरुआत, अमर उजाला फाउंडेशन ने दिया जीने का जज्बा
जहांरा के स्वरोजगार की शुरुआत, अमर उजाला फाउंडेशन ने दिया जीने का जज्बा

हल्द्वानी। अमर उजाला फाउंडेशन की मुहिम रंग लाई। पिछले 12 साल से अंधेरे में जी रही तेज़ाब हमले की शिकार जहांरा ने 26 जनवरी को फाउंडेशन के सहयोग और आपकी मदद से स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ाते हुए ब्यूटी पार्लर शुरू किया है। आत्मनिर्भर बनने की खुशी उसके चेहरे पर साफ चमक रही थी। मंडी समिति के चेयरमैन सुमित हृदयेश ने फीता काटकर काम को आगे बढ़ाने के लिए 25 हजार देने की घोषणा की।

तेजाब ने जब हल्द्वानी के आजाद नगर निवासी जहांआरा के चेहरे से खुशियां छीनी थीं तो उसे अंदाजा नहीं था कि वह फिर से उठ सकेगी। इलाज और अदालती कार्रवाई में उलझी उसकी जिंदगी सिमट गई थी। उसके बाद उसकी शादी हुई, लेकिन कुछ ही समय में उसका पति छोड़कर चला गया। शारीरिक रूप से टूटी जहांरा तब मानसिक रूप से भी टूट गई। अंधेरे में जी रही जहांरा को अमर उजाला फाउंडेशन ने उम्मीद की किरण दिखाई। आत्मनिर्भर बनने के लिए उन्हें हौसला दिया।

फाउंडेशन ने अपनी ओर से 25 हजार रुपए देकर उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। उसी के साथ अभियान भी चलाया, जिसमें पहाड़ से तराई तक के लोगों ने उनकी आर्थिक मदद की। अभियान के दो माह में ही उन्होंने अपना ब्यूटी पार्लर शुरू कर दिया। 26 जनवरी को बतौर मुख्य अतिथि मंडी समिति के चेयरमैन सुमित हृदयेश ने फीता काटकर ब्यूटी पार्लर का शुभारंभ किया। उन्होंने अमर उजाला फाउंडेशन की मुहिम की सराहना की और जहांआरा को हौसला देते हुए काम को आगे बढ़ाने के लिए 25 हजार रुपए देने की घोषणा की।

लायनेस क्लब की सचिव ऊषा कुमार ने ब्यूटी पार्लर के लिए अन्य इंस्ट्रूमेेंट्स देने का आश्वासन दिया। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब, कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव हाजी सुहेल सिद्दीकी और कुमाऊं मंडल अध्यक्ष इदरीस अंसारी ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। इस मौके पर गुरविंदर सिंह चड्ढा, जहांआरा की मां सितारा खान, बहन अर्शी खान, आफताब अंसारी, शमशाद हुसैन, पिंकी आदि मौजूद थे। तेजाब अटैक के बाद मेरी जिंदगी में अंधेरा छा गया था। इलाज, मुकदमा और कमजोर पारिवारिक आर्थिक हालात के चलते दोबारा जीना मुश्किल लग रहा था। सभी ने हौसला दिया और आज मुझे लगता है कि मैं अपने दोनों बच्चों की बेहतर परवरिश कर सकती हूं। मैं अमर उजाला की आभारी हूं। -जहांरा खानम  

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