Shabdsamman

शब्द सम्मान

साहित्य का, साहित्य के लिए, साहित्य को समर्पित शब्द साधना अलंकरण भाषा की शक्ति उसके साहित्य से न सिर्फ समृद्ध होती है बल्कि उससे सामाजिक विवेक, सांस्कृतिक उज्ज्वलता और मानवीय मूल्यों का प्रकाश प्राप्त करती है। हिंदी और समस्त भारतीय भाषाओं का साहित्य हमारे सामूहिक स्वप्न को प्रतिबिंबित करता है। शब्दों के इस सफर में खुद की उपस्थिति को अमर उजाला दायित्वपूर्ण उपक्रम की तरह देखता रहा है। खासकर साहित्य में संघर्ष और उपलब्धि की जो विलक्षण परंपरा है उसका सतत सम्मान और विचार-प्रसार अमर उजाला की पत्रकारिक भूमिका का अभिन्न अंग रहा है।

शब्दों की महान परंपरा के सतत सम्मान और श्रेष्ठतम सृजन को रेखांकित करने के अनिवार्य दायित्व के निर्वहन की दिशा में अमर उजाला परिवार ने ‘शब्द सम्मान’ के रूप में प्रतिवर्ष छ: अलंकरणों की स्थापना का निर्णय लिया है। इसके तहत अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से साहित्य में दो सर्वोच्च सम्मान, एक हिंदी और एक किसी अन्य भारतीय भाषा में सतत, विशिष्ट रचनात्मक योगदान के लिए पांच-पांच लाख की राशि के साथ अर्पित किए जाएंगे। इसके साथ ही, एक अलंकरण हिंदी में किसी भी लेखक की पहली कृति के लिए होगा, तीन अलंकरण कथा, कविता तथा गैर-कथा श्रेणियों में वर्ष की श्रेष्ठ कृतियों को समर्पित होंगे तथा एक विशेष अलंकरण भारतीय भाषाओं में पुल बनाने वाली अनुवाद परंपरा के लिए है, जिसके तहत हिंदी सहित किसी भी भारतीय भाषा से किसी भी अन्य भारतीय भाषा में परस्पर अनुवाद के लिए श्रेष्ठ कृतिकार को सम्मानित किया जाएगा। ये चारों सम्मान एक-एक लाख रुपए राशि के साथ अर्पित किए जाएंगे।

कोई भी भारतीय नागरिक, लेखक, प्रकाशक या पाठक, निर्धारित तिथि तक नियमानुसार प्रस्ताव या अनुशंसाएं भेज सकता है ताकि चयन के उच्चतर मानदंडों का अनुपालन हो सके। अमर उजाला शब्द सम्मान प्रतिवर्ष एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे। अंतिम निर्णय अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गठित सर्वोच्च निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा। अमर उजाला फाउंडेशन के शब्द सम्मान निर्णायक मंडल के पास चयन या नामांकन के समस्त अधिकार निहित हैं और प्रत्येक स्थिति में उनका निर्णय अंतिम और सर्वमान्य होगा।