00 काले अतीत से निकलने की कोशिश में पद्मा
काले अतीत से निकलने की कोशिश में पद्मा

नई दिल्ली। जयपुर की पद्मा के लिए बीते तीन साल किसी किताब के उन काले पन्नों की तरह रहे, जिन पर लिखी इबारत पढ़ी नहीं जा सकती। पद्मा के शब्दों में, ‘इन वर्षों में करियर, परिवार, सब कुछ बिखर गया। पद्मा जासुजानी की जगह मैं एक तेजाब पीड़ित होकर रह गई थी, पर अब मैं उन पन्नों को हमेशा के लिए फाड़ देना चाहती हूं।’ पद्मा के अनुसार, ‘मैं और मेरी सहेली बी कॉम द्वितीय वर्ष में थे। उसकी एक लड़के से बातचीत थी। मुझे पता चला था कि उस लड़के ने मेरी सहेली को शादी के लिए प्रपोज किया था, लेकिन मेरी दोस्त ने मना कर दिया।

इस पर 5 फरवरी 2011 को कॉलेज से लौटते समय बाइक सवार दो लोगों ने मेरी सहेली की ओर तेजाब फेंका। बाइक पर पीछे बैठे जिस शख्स ने हम पर तेजाब फेंका, उसी ने मेरी सहेली को प्रपोज किया था। उसका नाम था गोविंद सोनी। तेजाब की जद में मैं भी आ गई।’ कोर्ट ने गोविंद को सात साल की सजा सुनाई थी। कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोलना चाहती हैं पद्मा हादसे के बाद तीन साल इलाज, दर्द, मुकदमेबाजी और आर्थिक संकट से निपटने में ही चले गए। पद्मा फिर से पढ़ाई करना चाहती थी। वह कंप्यूटर कोर्स कर एक इंस्टीट्यूट खोलना चाहती है।

अमर उजाला फाउंडेशन पद्मा को कंप्यूटर कोर्स करने में मदद कर रहा है। उसे कंप्यूटर भी मुहैया कराया जाएगा ताकि वह अपने सपने पूरा कर सके। आप भी मदद का हाथ बढ़ाएं अमर उजाला फाउंडेशन तेजाब पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए अभियान चला रहा है। अगर आप तेजाब पीड़िताओं की मदद करना चाहें तो -Amar Ujala Foundation Acid Victim Empowerment Fund के नाम से चेक दे सकते हैं। हमारा पता है - अमर उजाला फाउंडेशन, सी 21-22, सेक्टर 59, नोएडा - 201301। चेक के साथ अपना नाम, पता, नंबर और पैन नंबर जरूर भेजें। अगर आप किसी तेजाब पीड़िता को जानते हैं तो हमें बताएं। संपर्क - मानस प्रकाश, 0120-4694250. तेजाब पीड़िता ने सुनाई आपबीती

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