
पुलिस को मित्र समझें, ...
भदोही : सोशल मीडिया और इंटरनेट के दौर में न ...
अपनी मां के ये शब्द पुष्पा के कानों में अब भी गूंजते हैं। उसे याद है कुछ माह पहले जब वह स्कूल से घर लौटी थी तो घर में उसकी ...
Read more →पढ़ने-लिखने से हमेशा दूर रहे राधेश्याम जानते हैं कि जीवन में शिक्षा का क्या मोल है। इसलिए गरीबी की तमाम चुनौतियों को झेलने के बावजूद उनका संकल्प है कि वे ...
Read more →राकेश मिश्रा किसान हैं और चार बेटियों व दो बेटों के पिता हैं। उनकी उपलब्धि यह है कि उन्होंने बेटियों को बेटों से बराबर तालीम दी है। वह कहते हैँ ...
Read more →सरस्वती देवी की कहानी एक आम ग्रामीण भारतीय परिवार की कहानी जैसी ही है। कम उम्र में शादी। एक के बाद एक बच्चे पैदा होना। किसी विपदा के बाद घर ...
Read more →दादा-दादी, मां-पिता और दो भाइयों वाले परिवार की सदस्या शिवानी अभी 13-14 साल की ही थी कि घर में उसकी शादी की चर्चा गरमाने लगी। यही चलन था उसके गांव ...
Read more →बीएससी द्वितीय वर्ष में पढ़ रही विनीता यादव के पिता ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान ही विनीता का रिश्ता करीब-करीब तय कर दिया था। लड़का पढ़ा-लिखा भले ही कम ...
Read more →बेटे-बेटियां शिक्षित होंगे तो अपने साथ-साथ समाज के भी काम आयेंगे। और लड़कियां तो दो घरों को रौशन करती हैं, इसलिए उनका शिक्षित होना तो बहुत ही जरूरी है। तमाम ...
Read more →पड़ोसी चाची ने आकर घरवालों को ठीक से न समझाया होता तो 15 साल की रोशनी के जीवन से डॉक्टर बनने की आस की रोशनी तो बुझ ही गयी थी। ...
Read more →भतीजी सोनी का बाल विवाह रुकवाने के लिए मौसी रेशमा शुक्ला की समझाइश ही काम आई। सोनी को जब लगा कि उसके कहने से माता-पिता शायद नहीं मानेंगे तो उसने ...
Read more →``अभी मैं इंटर में पढ़ रहा हूं और बाल विवाह से बाल-बाल बचा हूं।`` -- यह कहना है अरुण कुमार यादव का जिनकी मूंछें भी अभी ठीक से नहीं आईं ...
Read more →भदोही : सोशल मीडिया और इंटरनेट के दौर में न ...
एक मोबाइल नंबर से एक ही फॉर्म भरा जाएगा
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अमर उजाला फाउंडेशन ...