हार्टअटैक से भी बचाता है रक्तदान
आगरा। किसी की जान बचाने के साथ रक्तदान स्वयं रक्तदाता के लिए भी हितकारी है। रक्तदान से हृदय संबंधी, ब्रेन हैमरेज, कोलस्ट्रोल जैसी कई बीमारियों का खतरा 30 फीसदी कम हो जाता है। हार्टअटैक, मोटापा जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कारण, खराब फिटनेस और खानपान का बिगड़ा स्वरूप है। वहीं 60 फीसदी लोगों के रक्त में कोलस्ट्रोल की मात्रा अधिक है। ऐसे में अगर कोई साल में दो बार से अधिक रक्तदान करता है तो इन बीमारियों से बच सकता है। इनमें खासकर दिमाग में खून के थक्का जमने, हार्टअटैक, कोलस्ट्रोल बढ़ने से मोटापा जैसी बीमारियां हैं।
 
रक्तदान से कोलस्ट्रोल, ट्राइग्लिसरायड की मात्रा संतुलित होने के साथ ब्लडप्रेशर (बीपी) भी नियंत्रण में रहता है। इससे हार्टअटैक के मौके कम हो जाते हैं, वहीं बीपी कंट्रोल से ब्रेन हैमरेज का खतरा भी कम रह जाता है। बोनमैरो सक्रिय रहने के साथ शरीर में आयरन कैपिसिटी भी नियंत्रित रहती है। 
 
खाना छोड़ ब्लड देने पहुंचे हेमेंद्र:
सच्ची मानवता और समाज सेवा इसे कहते हैं। बल्केश्वर के हेमेंद्र मोहता रात नौ बजे अपनी प्रिंटिंग प्रेस से घर पहुंचे। पत्नी पायल खाना परोस ही रही थीं कि अमर उजाला फाउंडेशन ब्लड डोनर क्लब से ब्लड की जरूरत संदेश मिला। खाना छोड़ वह ब्लड देने पहुंच गए। दरअसल फेफडे़ की बीमारी से पीड़ित गुरु तेगबहादुर कालोनी के राजू सिंह को प्लेटलेटस की कमी हो गई थी। व्यवस्था न होने पर भतीजे हिमांशु ने अमर उजाला फाउंडेशन से मदद मांगी। डोनर क्लब हेमेंद्र जैसे सदस्य के चलते उनकी मदद कर सका।
पांच बीमारियों की होती जांच
रक्तदान के समय रक्तदाता का चेकअप अनिवार्य है। इसमें एचआईवी, हेपेटाइटस बी और सी, सिफलिस और हीमोग्लोबिन की जांच होती है। एसएन मेडिकल कालेज के ब्लड बैंक प्रभारी डा. हरेंद्र यादव ने बताया कि साल में कम से कम दो बार जरूर रक्तदान करना चाहिए, इससे कई बीमारियों से बचाव संभव है।
रक्तदान कीजिए 14 को
 
दूसरे की जान बचाने का पुण्य के साथ बीमारियां से भी बचाव होता है। तो फिर 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर अमर उजाला कार्यालय, गुरु का ताल सिकंदरा, एसएन मेडिकल कालेज या जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान कर औराें के लिए प्रेरक बनें।
ये कर सकते हैं रक्तदान
 
18-65 साल के स्वस्थ महिला-पुरुष।
जिनका वजन 45 किग्रा से कम न हो।
जिनमें 12.5 ग्राम हीमोग्लोबिन हो।
Share:

Related Articles:

0