00 नज़रिया-जो जीवन बदल दे के मंच पर मेहनत और हौसले के धुरंधरों ने बयां की जीत की कहानी 26 मई को नई दिल्ली में।
नज़रिया-जो जीवन बदल दे के मंच पर मेहनत और हौसले के धुरंधरों ने बयां की जीत की कहानी 26 मई को नई दिल्ली में
  Start Date: 26 May 2018
  End Date: 26 May 2018

नई दिल्ली।   मेहनत, हौसले और संघर्ष के बूते जीत हासिल करना उतना ही आसान हो जाता है जितना कि चुंबक बनने के बाद लोहे का आकर्षित होना। अमर उजाला फाउंडेशन और माइंड्स इग्नाइटेड के साझा कार्यक्रम ‘नजरिया, जो जीवन बदल दे’ में बॉलीवुड फिल्मों के गीतकार मनोज मुंतशिर ने यह अल्फाज अपनी सफलता को बयां करते हुए साझा किए। कार्यक्रम में अन्य क्षेत्रों के महारथियों ने भी हिंदी भाषा को माध्यम बनाते हुए भागदौड़ और चकाचौंध भरी दुनिया में खुद के व्यक्तित्व को निखारने और विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़ने के संकल्प की धारणाओं से रूबरू करवाया।

अमर उजाला फाउंडेशन और माइंड्स इग्नाइटेड की साझा पहल  

लोगों ने हस्तियों से सीखे साइबर अपराधआतंकवाद से निपटने व सफलता पाने के मंत्र

कार्यक्रम का संचालन कथक नृत्यांगना दिव्या गोस्वामी ने किया। कार्यक्रम के शुरू में साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन ने साइबर अपराध की घटनाओं से बचने के तरीकों से अवगत कराया। उन्होंने खास तौर पर बच्चों में  बढ़ रही सोशल मीडिया और गेमिंग की लत को इंटरनेट का बेहद नकारात्मक प्रभाव बताया। उन्होंने इंटरनेट के जरिये हैकिंग, फोटो ब्लैकमेलिंग, मेलट्रेल और मनी फ्रॉड जैसे बढ़ते साइबर अपराधों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने और निजी जानकारियां गोपनीय रखने की सीख दी।

बचपन से टेबल टेनिस प्लेयर बनने का था सपना  

कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल विजेता टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने अपने जीवन के संकल्प और कभी न हारने वाले हौसले से रूबरू करवाया। मंच पर आते ही वह भावुक हो गईं और अपनी मां सुषमा बत्रा और कोच के सहयोग को अपने जीवन की सफलता के लिए सबसे ऊपर बताया। उन्होंने कहा कि 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार हार के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने का सपना देखा था, जिसे उन्होंने रात-दिन मेहनत करके पूरा किया।

दुनिया बाजार है: आलोक पुराणिक     

कार्यक्रम में दुनिया को बाजार बताते हुए अर्थशास्त्र प्रोफेसर आलोक पुराणिक ने कहा कि हर चीज के पीछे कोई न कोई लाभ का कारण जुड़ा है। चीजों की वैल्यू से लोगों की क्लास डिफाइन करने का चलन रहा है। उन्होंने आतंकवाद से निपटने के कॉल सेंटर के तरीके को हास्यप्रद व चुटीले अंदाज में बयां कर दर्शकों का मनोरंजन भी किया।

कम अंक असफलता की मुहर नहीं: वीएम चौधरी 

इसरो के वैज्ञानिक वीएम चौधरी ने इसरो में नौकरी पाने के अपने अनुभवों को साझा किया और स्नातक में कम आने का खुद का उदाहरण देते हुए बच्चों को आगे बेहतर करने की सीख दी। इसरो के ही वैज्ञानिक इम्तियाज खान ने इसरो की उपलब्धियों और समाज हित में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।

कुल्लू से आईं 14 वर्षीय दृष्टिबाधित छात्रा पायल ठाकुर ने अपनी मधुर आवाज में गीत गाकर दर्शकों का मन मोह लिया। इस मौके पर मनोज मुंतशिर ने भी पायल की आवाज और हौसले की बुलंदी की सराहना की।

तंत्र कोई नकारात्मक सोच नहीं : राजेश राज

मानव चेतना विषय के प्रोफेसर राजेश राज ने कहा कि तंत्र के जरिये नकारात्मक ही नहीं बल्कि सकारात्मक विचार भी पैदा होते हैं। चेतना हमारी सबसे बड़ी ताकत होती है, जिसे समझना मुश्किल होता है, लेकिन महसूस करना बेहद आसान।

छोटी जगह से ही बड़े धुरंधर पैदा होते हैं: मनोज मुंतशिर   

मुंतशिर ने कहा कि खुद को इतना सक्षम कर लो कि मौके आपके पास खुद आएं। जब आप मेहनत, नसीहत को साथ लेकर चलते हैं तो जीत तय होती है। इसलिए हमेशा अपना टारगेट बनाकर चलें। छोटी जगहों से ही बड़े धुरंधर पैदा होते हैं।

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