00 स्मार्ट बेटियां | अपनी पढ़ाई रोक कर पांच बहनों को पढ़ा रही कुसुम

कुसुम अभी दसवीं में पढ़ ही रही थी कि उसके किसान पिता की तबीयत ऐसी खराब हुई कि उन्होंने खाट ही पकड़ ली। कुसुम ने किसी तरह दसवीं तो पास कर ली लेकिन आगे की पढ़ाई जारी रखने के हालात नहीं बने। इलाज के लिए खेत तक बिक गये थे। इन मुश्किलों से हारे बिना कुसुम ने एक सिलाई मशीन खरीदी और उससे होने वाली आमदनी से अपनी पांच बहनों की पढ़ाई को जारी रखा।

बलरामपुर के देवपुरा गांव की कुसुम गिरि की दिक्कतें पिता की बीमारी के साथ बढ़ने लगी थीं। मजबूत इरादों की कुसुम को जब दसवीं के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखने की सूरत न दिखी तो उसने आमदनी का जिम्मा अपने ऊपर लेते हुए छोटी बहनों को आगे बढ़ाने का काम किया। सिलाई मशीन ने राह खोली तो छोटी बहनों का एडमिशन राधा आदर्श बालिका इंटर कॉलेज में कराया। वहां के शिक्षकों को जब पता चला कि बड़ी बहन कितनी जद्दोजहद करके छोटी बहनों को यहां पढ़ा रही है तो उन्होंने फीस माफ करके मदद की।

कुसुम बिना हिचक कहती है कि वह छोटी बहनों के पढ़ाई के सपने पूरे होने तक इसी तरह उनके पीछे खड़ी रहेगी।

स्मार्ट बेटियां अभियान से जुड़ी इंटरनेट साथी निशू पांडेय ने यह वीडियो कथा बनाकर अमर उजाला को भेजी है।

अमर उजाला फाउंडेशन, यूनिसेफ, फ्रेंड, फिया फाउंडेशन और जे.एम.सी. के साझा  अभियान स्मार्ट बेटियां के तहत श्रावस्ती और बलरामपुर जिले की 150 किशोरियों-लड़कियों को अपने मोबाइल फोन से बाल विवाह के खिलाफ काम करने वालों की ऐसी ही सच्ची और प्रेरक कहानियां बनाने का संक्षिप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इन स्मार्ट बेटियों की भेजी कहानियों को ही हम यहां आपके सामने पेश कर रहे हैं।

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