00 पाठकों की मदद ने भरा एसिड पीड़ितों की जिंदगी में उजाला
पाठकों की मदद ने भरा एसिड पीड़ितों की जिंदगी में उजाला।

गाज़ियाबाद की शाइना ही नहीं, तेजाब हमले में बुरी तरह से जल चुकीं गोंडा की दीपमाला, लखनऊ की कविता और भोपाल के आतिफ़ की ज़िन्दगी अब पहले से बहुत बेहतर हो रही है। पिछले कुछ समय में अमर उजाला फाउंडेशन ने लगातार मुहिम चलाकर विशेषज्ञ डाक्टरों और अपने जागरूक पाठकों की मदद से इन एसिड पीड़ितों की जिंदगी को फिर से राह पर लाने की कोशिश की है। सही इलाज के साथ ही आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर उनके कदम मजबूती से बढ़े हैं। अमर उजाला फाउंडेशन के अभियान में उसके पाठक और विशेषज्ञ डाक्टर, सभी मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं।

लखनऊ के डॉ विवेक सक्सेना ने भोपाल के आतिफ की मुफ्त हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी की। तेज़ाब हमले की वजह से आतिफ के चेहरे का ऊपरी हिस्सा जल गया था जिससे उसके बालों की जड़ें तक खत्म हो गयी थीं। डॉ विवेक से प्रेरणा लेकर और भी कई डॉक्टरों ने एसिड पीड़ितों की मदद का हाथ बढ़ाया है। पति ने तेजाब डाला, संस्थाओं ने ठगा दीपमाला पर 2013 में उसके पति ने तेज़ाब डाल दिया था। कई संस्थाओं ने इलाज दिलवाने का वायदा किया, और उसके नाम पर पैसे भी इकट्ठा किए गए, पर मदद का हाथ किसी ने नहीं बढ़ाया। पिछले अप्रैल से अब तक दीपमाला, अमर उजाला फाउंडेशन की मदद से संकर नेत्रालय चेन्नई में 6 सर्जरी करा चुकी है। इसमें 2 नाक की, 2 मुँह और 2 आँखों की सर्जरी की गयी।

संकर नेत्रालय की मदद से न केवल दीपमाला की नज़र वापस आने की उम्मीदें बनी हैं, बल्कि इलाज और दवा के खर्च में भी काफी छूट मिली है। एसिड पीड़ित कविता को अपने परिवार से इसलिए निकाल दिया गया था, क्योंकि वह अपने पर एसिड फेंकने वाले मुजरिम को सजा दिलवाना चाहती थी। कविता लखनऊ के एक छोटे से ब्यूटी पार्लर में काम करती हैं, साथ ही फाउंडेशन की सदस्य प्रज्ञा प्रसून द्वारा प्रशिक्षित होकर पेपर ज्वेलरी बनाती हैं। अमर उजाला फाउंडेशन ने हाल ही में कविता को एक नकली आँख दिलवायी जिससे उनका चेहरा पहले से बेहतर लगने लगा।

“आर्ट आइज़” नाम की संस्था ने अमर उजाला फाउंडेशन के साथ मिल कर इस ऑपरेशन को सफल बनाया और इलाज में छूट भी दी। शाइना एक टीचर थी जब उसका चेहरा लोनी (गाजियाबाद) के एक इलाके में तेज़ाब डाल कर जला दिया गया। शाइना अपने घर में आमदनी लाने का इकलौता स्रोत थीं। अमर उजाला फाउंडेशन लगातार शाइना की मदद करता आ रहा है। पहले एक सिलाई मशीन, फिर कम्प्यूटर और प्रिंटर/फोटोकॉपिअर, और अब वह एक फाउंडेशन की मदद से साइबर कैफे भी खोलने वाली हैं। आपकी मदद से बदलेगा भविष्य अब भी बहुत से ऐसे पीड़ित हैं जिनको लगातार मदद की दरकार है।

आप भी मदद करना चाहें, तो - Amar Ujala Foundation Acid Victim Empowerment Fund के नाम से चेक दे सकते हैं। चेक के साथ अपना नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर और पैन नंबर की जानकारी अवश्य भेजें। हमारा पता है - Amar Ujala Foundation, C21/22, Sector 59, Noida - 201301। सहयोग राशि पर 80G के तहत टैक्स में छूट मिलेगी। संपर्क – मानस प्रकाश, 0120 - 4694250. साथ ही आप http://foundation.amarujala.com/volunteer-with-us/ पर रजिस्टर कर हमारे इस अभियान से सीधे जुड़ सकते हैं। हमे वॉलंटियरों, डॉक्टरों और वकीलों का योगदान भी चाहिए।

Share:

Related Articles:

0