00 ‘साइबर रेवोल्यूशन’ में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने दिए टिप्स
‘साइबर रेवोल्यूशन’ में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने दिए टिप्स
अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से शनिवार, 17 अक्टूबर, 2015 को गाजियाबाद के उत्तम स्कूल फॉर गर्ल्स  में ‘साइबर रेवोल्यूशन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl कार्यक्रम में स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने संबोधित करते हुए कहा कि ‘साइबर क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। इंटरनेट पर कोई भी चीज डिलीट नहीं की जा सकती। इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल भी ठीक नहीं है। पैरेंट्स की निगरानी में ही बच्चों को इंटरनेट और सोशल साइट्स का प्रयोग करना चाहिए। स्मार्ट फोन तो चलता-फिरता टाइम बम है। जरा सी असावधानी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है।
 
गौरतलब हो कि डिजिटल इंडिया में बढ़ते साइबर अपराधों से बचाव और जागरूकता फैलाने की अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से ‘साइबर रेवोल्यूशन’ मुहिम चलाया जा रहा है। सेमिनार में साइबर एक्सपर्ट्स के साथ सीबीआई, सेना, पुलिस और कॉरपोरेट जगत के विशेषज्ञों ने शिरकत की। सेमिनार में दिल्ली-एनसीआर के 30 प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के 325 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
 
अमर उजाला फाउंडेशन की मुहिम साइबर रेवोल्यूशन तीन चरणों में चलेगा। पहले चरण में स्कूलों में नेशनल लेवल की कला और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले बच्चों का डाटा एकत्रित कर उन्हें साइबर क्राइम के बारे में अवेयर करेंगे। प्रतियोगिता के लिए 20 अक्तूबर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होंगे। फिर दूसरे चरण में थिंकर कॉन्क्लेव विभिन्न शहरों में आयोजित होंगे। तीसरे चरण में पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों के साथ वर्कशॉप होंगी। साथ ही लोग अपनी प्रतिक्रिया व शिकायतें cyberhelpline@amarujala.com पर भेज सकेंगे और पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से उनका निदान कराया जाएगा। पूरे प्रोग्राम की सर्वे रिपोर्ट सरकार को मुहैया कराई जाएगी, जिससे सरकार इस ओर कड़े कदम उठा सके।
 
स्मार्टफोन एक चलता फिरता टाइमबम है। फोन पर इंटरनेट, एप्स और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के इस्तेमाल में थोड़ी से असावधानी घातक हो सकती है। ऐसे में साइबर वर्ल्ड के भंवर में न फंसने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। - पवन दुग्गल, प्रोग्राम विधिक सलाहकार व साइबर कानून विशेषज्ञ
 
इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिए ठीक नहीं है। साइबर वर्ल्ड में इंटरनेट एडिक्शन का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। खुद को सुरक्षित रखने के लिए इंटरनेट के फायदों और नुकसान को जानना काफी जरूरी है। साइबर अपराध करने वाले जान लें, उन्हें कभी भी पकड़ा जा सकता है। - आलोक गुप्ता, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ
 
इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के नुकसान से अंजान होने के चलते बच्चे इसके भंवर में फंस जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि पैरेंट्स बच्चों की निगरानी के साथ उनके लिए समय निकालें। - कर्नल नरेश चौधरी, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ
 
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फेक आईडी, फेक प्रोफाइल, फेक मैसेज सहित तमाम समस्याओं से बच्चे काफी परेशान हैं। ऐसे में जागरूकता के साथ बच्चों की निगरानी जरूरी है। इंटरनेट पर कई ऐसे टूल्स हैं, जिनसे निगरानी रखी जा सकती है। - राजेश चौधरी, साइबर एक्सपर्ट एचसीएल
 
साइबर क्राम से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी हे। साइबर स्टॉकिंग या फिर बुलिंग सहित साइबर अपराधों की शिकायत पुलिस में आसानी से की जा सकती है। - आशीष श्रीवास्तव, सीओ साहिबाबाद
 
फ्लैश लाइट एप्स सहित कई सावधानियों के बारे में एक्सपर्ट्स से जानकारियां हासिल हुईं। - शिवानी, उत्तम स्कूल
इंटरनेट इस्तेमाल के वक्त किन सावधानियों का ध्यान रखें, पता चला। - गीतिका, उत्तम स्कूल
 
इंटरनेट पर हर मिनट लाखों वाइरस अटैक कर रहे हैं। टेक्नोलॉजी की इस सुनामी में जागरूकता और जानकारी के साथ इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल जरूरी है। - दिनेश ओ बरेजा, अंतर्राष्ट्रीय साइबर विशेषज्ञ
 
इंटरनेट वर्ल्ड में साइबर अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ऑनलाइन मनी, जॉब फ्रॉड के साथ सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में सावधानी जरूरी है। - रमन त्यागी, एसपी सीबीआई
 
मोबाइल और सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने युवाओं को अकेले कर दिया है। कौशल अवस्था में बच्चे साइबर बुलिंग व अन्य समस्या का शिकार हा रहे हैं। ऐसे में पैरेंट्स की गाइडेंस और निगरानी बेहद जरूरी है। - जितेंद्र जैन, वरिष्ठ साइबर एक्सपर्ट
 
इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जानकारी और सतर्कता के अभाव साइबर अपराध होने की बड़ी वजह है। खुद को और अपनों को सुरक्षित रखने के लिए पहले जानकारी, फिर इस्तेमाल के उपाय को अपनाना जरूरी है। - नरेश शर्मा, एएसपी सीबीआई 
 
इंटरनेट पर कोई भी चीज डिलीट और भुलाई नहीं जा सकती है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स कंपनियों के लिए आप एक प्रोडक्ट हैं, जिससे प्राप्त सूचनाएं और डाटा का वे व्यावसायिक इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट इस्तेमाल व मोबाइल पर एप्स डाउनलोड सहित हर कदम पर सावधानी ही बचाव है। - कर्नल संतोष खडसरे, रक्षा मंत्रालय साइबर फॉरेंसिक विशेषज्ञ
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