00 अमर उजाला के हेल्‍थ कैंप में 311 के स्वास्‍थ्य की जांच
रोहतक में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में 311 मरीजों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण।
रोहतक। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से चमारिया के रावमावि में बृहस्पतिवार को 311 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। इसके साथ ही जरूरतमंदों को नि:शुल्क दवाइयां दी गईं। शिविर का शुभारंभ मुख्यातिथि सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार ने किया और विशिष्ट अतिथि के रूप में सामान्य अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चंद्र उपस्थित रहे। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि के साथ स्कूल के स्टाफ का स्वागत किया गया।
 
विद्यार्थियों और ग्रामीणों की स्त्री रोग, नाक-कान-गला विभाग, दंत रोग, फिजीशियन, नेत्र रोग विभाग के विशेषज्ञों ने जांच की। इस दौरान विद्यार्थियों को सिर दर्द, जुकाम, पेट दर्द और दस्त जैसी समस्याएं मिलीं। लड़कियों में रक्त की कमी पाई गई। कई विद्यार्थियों में स्किन एलर्जी की समस्या मिली, सभी को अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से फार्मासिस्टों ने दवा उपलब्ध कराई। वहीं, कई लोगों ने दांतों की जांच कराई, यहां भी अधिक समस्या कम उम्र के विद्यार्थियों में पाई गई। सभी को दंत रोग विशेषज्ञ ने नियमित दांतों की साफ-सफाई रखने को कहा। इस दौरान कई विद्यार्थियों की आंखों में भी समस्या मिली।
 
शिविर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नाक-कान-गला के विशेषज्ञ डॉ. रमेश चंद्र, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शिल्पा और डॉ. सुशीला, फिजिशियन डॉ. रघबीर, डॉ. सतपाल, डॉ. सुधीर, डॉ. ज्योति, नेत्र रोग विभाग से डॉ. नीरु मोठसरा, डॉ. दिनेश शर्मा, दंत रोग विभाग से पीजीआईडीएस से सीनियर प्रोफेसर डॉ. मंजूनाथ व डॉ. अनूप ने सभी मरीजों की जांच की। शिविर में प्रिंसिपल सुरजीत सिंह अहलावत, प्रभारी स्वर्ण लता, रामतीर्थ हुड्डा, कृष्ण कुमार और दीप्ति की अहम भूमिका रही।
 
सिविल सर्जन ने चमारिया के ग्रामीणों से कहा कि बेटी को मारने की बजाए हमें उन्हें मजबूत बनाना चाहिए। समाज अपनी बेटियों को धन रूपी दहेज देने की बचाए। शिक्षा, संस्कार व स्वालंबन रूपी दहेज दे तो समाज प्रगति करेगा। सभी को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए सीएमओ डॉ. शिवकुमार ने सभी को बेटी बचाने को लेकर ‘जागेंगे जगाएंगे’ की शपथ दिलाई।
 
सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार ने विद्यार्थियों को हाथ धोने की छह विधियों के साथ हर सप्ताह नाखून काटनेे की सलाह दी। उन्होंने ‘वो खेत में मिलेगा, खलिहान में मिलेगा’, ‘नर सेवा ही नारायण सेवा’ कविता की पंक्तियों को गाकर सभी को स्वस्थ जीवन का सार समझाया।
 
ग्रामीण इलाकों में चिकित्सकों की कमी होती है। ऐसे शिविर से बुजुर्गों व बच्चों के साथ महिलाओं को काफी लाभ मिलता है। शिविर लगातार लगने चाहिए। - कृष्ण कुमार, मिडिल हेड।
 
मौसम परिवर्तन के चलते कुछ समस्या थी, डॉक्टर से जांच करवाकर दवा ले ली है। ऐसे शिविर ग्रामीण इलाकों में लगते रहने चाहिए।
रविंद्र, जमींदार।
 
बच्चों के दांतों को अधिक सफाई की जरूरत होती है। जांच के दौरान कई बच्चों के दांतों में खामियां मिली हैं। वहीं तंबाकू के सेवन बड़ों को भी दांतों संबंधी समस्या पाई गई है। - डॉ. मंजूनाथ, एचओडी एवं सीनियर प्रोफेसर, पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री, पीजीआईडीएस।
 
बुढ़ापे में उपचार करवाना मुश्किल हो जाता है। गांव में डॉक्टर नहीं होते, शहर जाना आसान नहीं होता। शिविरों के माध्यम से ही हम जैसों को फायदा होता है। - चांद कौर
 
बच्चे को खांसी, जुकाम है। शिविर न लगता तो शहर जाना पड़ता या किसी झोलाछाप डॉक्टर को दिखाना पड़ता। ऐसे शिविर नियमित लगने चाहिए। - रानी।
 
बारिश में शरीर में फुंसी हो जाती हैं। गांव में बडे़ डॉक्टर नहीं होते, हम या तो शिविर में जांच कराए या शहर में जाकर जांच कराएं। - मोहित।
 
गले में समस्या थी, गांव में इसके डॉक्टर नहीं हैं। शिविर में जांच करवा ली है, ऐसे शिविर गांवों में लगते रहने चाहिए। - प्रीति।
 
संस्थाओं की ओर से स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया जाना ग्रामीणों के लिए लाभप्रद होता है। इससे सबसे अधिक महिलाओं व बच्चों को लाभ मिलता है। - हिना
 
बुजुर्गों और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच सबसे बड़ी समस्या होती है। गांवों में रह रहे लोगों को देखते हुए समय-समय पर यह सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। - संतरा।
 
आंखों की समस्या है, सिर में चक्कर आने के साथ आंखों से पानी आता है। डॉक्टर ने दवा लिखी है और फिर जांच करवाने को कहा है। - सुमन।
 
काफी समय से पांव दर्द और खारिश की समस्या थी। शिविर में जांच हो गई, शहर नहीं दौड़ना पड़ा। ऐसे शिविर लगते रहने चाहिए। - प्रेम।
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