00 एक अक्तूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर ‘महादानियों का महामेला’
एक अक्तूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर ‘महादानियों का महामेला’

अमर उजाला फाउंडेशन के आह्वान पर सोमवार, 01 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर देश के पचास से अधिक शहरों में महादानियों का महामेला लगने जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी अमर उजाला फाउंडेशन अपने प्रसार वाले राज्यों में रक्तदान शिविर का आयोजन कर रहा है। उत्तर प्रदेश हो, हिमाचल प्रदेश हो, उत्तराखंड हो या फिर हरियाणा या चंडीगढ़ सभी जगह रक्तदानियों में इस रक्तदान कैंप लेकर भारी उत्साह है।

गौरतलब हो कि इन रक्तदान शिविरों में जो भी रक्त एकत्रित होता है, उसे सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में दिया जाता है। इन कैंपों में अधिक से अधिक लोग पहुंचे इसकी तैयारी जोर-सोर से की जा रही है। इसमें समाज का हर वर्ग जुड़ता है और अपनी सेवाएं देता है। देश के अलग-अलग प्रांतों में इन कैपों से सरकारी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, समाजिक संगठन, और रेडक्रॉस सोसाइटी भी जुड़ रही हैं।

नोएडा ब्लड बैंक की चिकित्सा अधिकारी डॉ. बिंदु श्रीवास्तव ने कहा, रक्तदान करना हमेशा फायदेमंद रहता है। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। रक्तदान से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है। एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित रक्तदान करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। रक्तदान करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है। रक्तदान सुरक्षित व स्वस्थ परंपरा है। इसमें जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है। इसलिए सभी को रक्तदान करना चाहिए।

 

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